Baba Mohan Ram Ji: एक दिव्य अवतार
Baba Mohan Ram Ji हिंदू धर्म में एक पूजनीय देवता हैं। उन्हें भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है, जिन्होंने द्वापर युग में अवतार लिया था। उनके अनुयायी उन्हें विशेष रूप से हरियाणा, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में मानते हैं। Baba Mohan Ram Ji की पूजा विशेष रूप से काली खोली की गुफा में की जाती है, जहाँ उनकी अखंड ज्योति जलती रहती है।

Baba Mohan Ram का रूप
Baba Mohan Ram Ji का स्वरूप अत्यंत मोहक और दिव्य है। उनकी पहचान उनके नीले घोड़े और सोने के मुकुट से होती है। उनके सिर पर मोर पंख सुशोभित रहता है, जो उनकी दिव्यता और श्रेष्ठता का प्रतीक है। उनके गले में मोतियों और रुद्राक्ष की माला होती है, जो पवित्रता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है।
उनकी सवारी, नीला घोड़ा, शेषनाग का प्रतीक माना जाता है और इसे उनकी शक्ति और तेजस्विता का प्रतीक समझा जाता है। Baba Ji के भक्त उन्हें सरल ब्राह्मण वेशभूषा में पूजते हैं, जो उनकी विनम्रता और आध्यात्मिकता को दर्शाता है।
नामकरण
‘मोहन’ शब्द का अर्थ होता है “आकर्षक” या “मोहक,” और Baba Mohan Ram Ji की दिव्यता इसी मोहकता में प्रकट होती है। उन्हें कलियुग में भगवान कृष्ण का विशेष अवतार माना जाता है, जो भक्तों को प्रेम, सत्य और धर्म का मार्ग दिखाते हैं। उनके अनुयायी उन्हें भगवान कृष्ण और भगवान राम दोनों का सम्मिलित रूप मानते हैं, जो आधुनिक युग में भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
Baba Mohan Ram Ji की कथाएं
पंडित नंदू की कथा
मिलकपुर की पहाड़ियों में Baba Ji ने अपने दिव्य रूप का दर्शन पंडित नंदू को कराया। नंदू जी भगवान कृष्ण के परम भक्त थे और गायों की देखभाल में उनका जीवन व्यतीत होता था। एक दिन उन्होंने देखा कि एक गाय नियमित रूप से पहाड़ियों के दूसरी ओर जाती है। जब नंदू जी ने उस गाय का पीछा किया, तो उन्होंने एक गुफा में Baba Mohan Ram Ji को ध्यानमग्न देखा। Baba ने नंदू जी को आशीर्वाद दिया और कहा कि वे उनके सबसे प्रिय भक्त हैं। इसके बाद Baba Mohan Ram Ji के नाम पर की गई हर प्रार्थना नंदू जी के माध्यम से पूरी होने लगी।
पंडित कान्हा की कथा
आलूपुर गाँव के पंडित कान्हा, जो Baba Ji के भक्त थे, ने एक दिन Baba से मिलने की इच्छा व्यक्त की। Baba Mohan Ram Ji ने उन्हें एक शेर के साथ अपने बाल रूप में दर्शन दिए। Baba Mohan Ram ने पंडित कान्हा को प्रेम और भक्ति के महत्व का उपदेश दिया और उन्हें दिव्य वस्तुएं दीं, जिनकी पूजा पंडित कान्हा ने अपने जीवन भर की।
Baba Mohan Ram:
Attribute | Details |
---|---|
Deity | Baba Mohan Ram |
Depiction | Depicted riding his blue horse at Kali Kholi |
Affiliation | Vaishnavism |
Abode | Kali Kholi |
Day | Dwitiya (द्वितीया) also known as Doj |
Sacred Color | Blue |
Region of Worship | Haryana, Rajasthan, Uttar Pradesh |
Primary Temple | Cave of Baba Mohan Ram, Kali Kholi, Bhiwadi; Milakpur |
Festivals | Doj (Dvitiya) Mela, Dhulandi (Holi), Phalguna Doj, Bhadra Doj |
Iconography | Carries a golden crown and peacock feather, rides a blue horse |
Primary Devotees | Primarily worshipped by Brahmins and devotees of Lord Krishna |
Special Rituals | Offerings of ghī and upala at Kali Kholi; Akhand Jyoti (eternal flame) |
Legendary Followers | Pundit Nandu, Pundit Kanha, Sekhu Mirasi |
Sacred Object | Adivasi symbols such as the Akhand Jyoti (eternal flame) |
Divine Powers | Grants spiritual guidance, love, and devotion to his followers |
Mythological Significance | Considered an incarnation of Lord Krishna in Kali Yuga |
सेखू मिरासी की कथा
सेखू मिरासी, एक साधारण चरवाहा, Baba Ji के दर्शन से आध्यात्मिक गीतों की कला में निपुण हो गए। उन्होंने अपनी भक्ति और गीतों के माध्यम से Baba Ji की महिमा का गुणगान किया और अपनी भक्ति का विस्तार किया।
वंदना और पूजा
Baba Ji की पूजा मुख्य रूप से काली खोली की गुफा में होती है, जहाँ उनकी अखंड ज्योति जलती रहती है। यहाँ पर भक्त घी चढ़ाते हैं और उपला अर्पित करते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त इस गुफा में सेवा करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। मंदिर के आसपास पेड़ और विभिन्न प्रकार के पक्षियों का वास होता है, जो इस स्थान की पवित्रता और दिव्यता को दर्शाता है।
Baba Mohan Ram Ji का उत्सव
Baba Ji का मुख्य त्योहार “द्वितीया” या “दोज” के दिन मनाया जाता है। इस दिन बड़ी संख्या में भक्त काली खोली की गुफा में इकट्ठा होते हैं और Baba की पूजा करते हैं। इसके अलावा होली के समय धुलंडी का मेला और भाद्रपद की दोज पर भी भव्य आयोजन होते हैं।
निष्कर्ष
Baba Ji कलियुग में भक्तों के लिए मार्गदर्शक के रूप में प्रकट होते हैं। उनकी पूजा, उनके जीवन के अनुभवों और कथाओं के माध्यम से, हमें सत्य, प्रेम, और भक्ति की ओर प्रेरित करती है। Baba Mohan Ram Ji की दिव्य उपस्थिति भक्तों को आज भी आध्यात्मिक शक्ति और संतोष प्रदान करती है।
