Pardeep Narwal, जिसे ‘डुबकी किंग’ के नाम से जाना जाता है, भारत के सबसे प्रसिद्ध कबड्डी खिलाड़ियों में से एक हैं। 16 फरवरी 1997 को हरियाणा के रिंदहाना गांव में जन्मे प्रदीप नरवाल ने कबड्डी की दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, विशेषकर प्रो कबड्डी लीग (PKL) में। अपनी अद्वितीय प्रतिभा और खेल के रिकॉर्ड के लिए प्रसिद्ध, उन्होंने कबड्डी इतिहास में सर्वश्रेष्ठ रेडर का खिताब हासिल किया है।

Category | Details |
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Profession | Kabaddi Player |
Physical Stats & More | |
Height (approx.) | in centimeters – 178 cm |
in meters – 1.78 m | |
in feet inches – 5’ 10” | |
Weight (approx.) | in kilograms – 80 kg |
in pounds – 176 lbs | |
Body Measurements | Chest – 42 Inches |
Waist – 32 Inches | |
Biceps – 14 Inches | |
Eye Colour | Black |
Hair Colour | Black |
Kabaddi | |
Jersey Number | #9 (Bengaluru Bulls ) |
Position | Raider |
Club(s) | Bengaluru bulls |
Personal Life | |
Date of Birth | 16 February 1997 (Sunday) |
Age (as of 2024) | 27 Years |
Birth Place | Rindhana, Sonipat, Haryana |
Zodiac sign/Sun sign | Aquarius |
Nationality | Indian |
Hometown | Rindhana, Sonipat, Haryana |
Education Qualification | Not Known |
Family | Not Known |
Religion | Hinduism |
Caste | Jat |
Girls, Family & More | |
Marital Status | Married |
Affairs/Girlfriends | More than 10+ |
Pardeep Narwal का प्रारंभिक जीवन
Pardeep Narwal का बचपन बहुत साधारण था। उनके परिवार में खेल के प्रति एक गहरा प्रेम था। उनके पिता एक कृषि कर्मचारी थे, और उन्होंने प्रदीप को हमेशा खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। प्रदीप ने कबड्डी खेलना बहुत कम उम्र में शुरू किया था। छह साल की उम्र में, उन्होंने अपने गांव के स्थानीय मैचों में भाग लेना शुरू कर दिया, जहाँ उनकी तेज गति और कुशलता ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
कबड्डी में रुचि बढ़ने पर, प्रदीप ने अपने कौशल को निखारने के लिए हरियाणा कबड्डी अकादमी में दाखिला लिया। वहां उन्होंने अपनी ट्रेनिंग शुरू की और कोचों से बहुत कुछ सीखा। 12 साल की उम्र में, प्रदीप ने अपने पहले बड़े टूर्नामेंट में भाग लिया, जहां उन्होंने अपने कौशल और नेतृत्व क्षमताओं के बल पर कई मैचों में जीत दिलाई।
Pardeep Narwal का कबड्डी करियर
प्रारंभिक करियर
प्रदीप नरवाल ने प्रो कबड्डी लीग में अपने करियर की शुरुआत सीजन 2 में बेंगलुरु बुल्स के लिए की थी। हालांकि, उनकी प्रारंभिक उपस्थिति सीमित थी, लेकिन उनके प्रदर्शन ने यह दर्शाया कि वह कबड्डी की दुनिया में एक उज्ज्वल भविष्य के साथ उभर सकते हैं। 2015 में, उन्होंने पटना पाइरेट्स में शामिल होकर अपनी प्रतिभा का सही इस्तेमाल किया।
पटना पाइरेट्स के साथ जुड़ने के बाद, प्रदीप ने अपनी खेल शैली में बदलाव किया। उन्होंने अपने तेजी से बदलाव और अप्रत्याशित चालों के माध्यम से विपक्षियों को चुनौती दी। उनके खेल में ‘डुबकी’ नामक एक विशेष चाल शामिल थी, जो उन्हें विरोधियों से बचने और पॉइंट्स स्कोर करने में मदद करती थी। इस चाल ने उन्हें कई मैचों में अद्वितीय बना दिया और ‘डुबकी किंग’ के खिताब से नवाजा गया।
प्रो कबड्डी लीग में प्रदर्शन
Pardeep Narwal का सबसे बड़ा क्षण 2016-17 सीजन में आया, जब उन्होंने पटना पाइरेट्स को उनके पहले खिताब तक पहुंचाया। उन्होंने 14 मैचों में 93 अंक हासिल किए, जिसमें 11 सुपर 10 शामिल थे। उनकी विशेषता यह थी कि उन्होंने मैच के अंतिम क्षणों में भी न केवल खुद को, बल्कि अपनी टीम को भी उठाया।
- सीजन 3: प्रदीप ने 14 मैचों में 92 रेड पॉइंट्स के साथ एक महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- सीजन 4: उन्होंने पटना पाइरेट्स के लिए 14 मैचों में 107 पॉइंट्स बनाये।
- सीजन 5: प्रदीप ने अपने करियर में सबसे अधिक 369 रेड पॉइंट्स के साथ सभी को चौंका दिया।
प्रमुख उपलब्धियाँ
Pardeep Narwal कई रिकॉर्ड और पुरस्कारों के धारक हैं। उनके खेल के आंकड़े बताते हैं कि उन्होंने अपने करियर में बहुत से महत्त्वपूर्ण मील के पत्थर पार किए हैं:
- सर्वश्रेष्ठ रेडर: प्रदीप ने PKL के कई सीज़नों में शीर्ष स्कोरर का खिताब जीता है।
- 1700 रेड पॉइंट्स: उन्होंने एक ही सीजन में 1700 रेड पॉइंट्स बनाने वाले पहले खिलाड़ी का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
- सर्वाधिक सुपर 10: प्रदीप ने PKL इतिहास में सबसे अधिक सुपर 10 (एक मैच में 10 या अधिक पॉइंट्स) बनाए हैं।
इन उपलब्धियों ने उन्हें केवल एक खिलाड़ी के रूप में नहीं, बल्कि भारतीय कबड्डी का एक प्रतीक बना दिया है।
अंतरराष्ट्रीय करियर
प्रदीप नरवाल ने 2016 में भारतीय राष्ट्रीय कबड्डी टीम के लिए खेलना शुरू किया। उन्होंने 2016 कबड्डी विश्व कप में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां उन्होंने अपनी टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में मदद की। प्रदीप ने अपनी तेज गति और तकनीकी कौशल के कारण सभी टीमों के खिलाफ प्रभावी प्रदर्शन किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनके योगदान में शामिल हैं:
- 2016 कबड्डी विश्व कप: प्रदीप ने स्वर्ण पदक जीते।
- 2017 एशियाई चैंपियनशिप: उन्होंने टीम को चैंपियनशिप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- 2018 एशियाई खेल: प्रदीप ने टीम को फिर से स्वर्ण पदक दिलाने में मदद की।
Pardeep Narwal की खेल शैली
प्रदीप नरवाल की खेल शैली उनकी सफलता का मुख्य कारण है। उनके खेल में शामिल विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
डुबकी: प्रदीप की सबसे प्रसिद्ध चाल है ‘डुबकी’, जो उन्हें खेल में एक अनूठा स्थान देती है। इस चाल के द्वारा, वह विरोधियों से बचकर आसानी से पॉइंट्स स्कोर कर लेते हैं।
तेज गति: प्रदीप की तेज गति और फुर्ती उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं। वह अपने विरोधियों को चकमा देने में माहिर हैं और तेजी से पॉइंट्स बनाते हैं।
स्ट्रेटेजिक सोच: प्रदीप की खेल में रणनीति बहुत महत्वपूर्ण है। वह विपक्षियों के खेल को अच्छी तरह से पढ़ते हैं और अपने खेल में बदलाव करते हैं।
नेतृत्व क्षमता: प्रदीप ने अपने करियर में कई बार टीम को नेतृत्व प्रदान किया है, जो उनकी टीम के लिए प्रेरणास्त्रोत बना।
व्यक्तिगत जीवन
Pardeep Narwal ने अपने व्यक्तिगत जीवन को हमेशा निजी रखा है। वह अपने परिवार और कबड्डी के प्रति समर्पित हैं। हालांकि वह अविवाहित हैं, लेकिन उनकी कबड्डी के प्रति निष्ठा और समर्पण ने उन्हें एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी बना दिया है।
प्रदीप अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं और अपने माता-पिता के प्रति बहुत आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने उन्हें हमेशा समर्थन दिया है। उनका ध्यान पूरी तरह से कबड्डी पर केंद्रित है और वह युवा खिलाड़ियों के लिए एक आदर्श बने हुए हैं।
Pardeep Narwal के बारे में कुछ मजेदार तथ्य
- प्रदीप नरवाल ने अपने करियर में 900 से अधिक पॉइंट्स बनाए हैं, जो उन्हें PKL के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक बनाता है।
- वह कबड्डी विश्व कप 2016 में भारतीय टीम के सबसे युवा खिलाड़ी थे।
- प्रदीप के पास एक अद्वितीय कलेक्शन है जिसमें कबड्डी से संबंधित कई मेडल और पुरस्कार शामिल हैं।
निष्कर्ष
प्रदीप नरवाल की यात्रा हरियाणा के एक छोटे से गांव से लेकर कबड्डी सुपरस्टार बनने तक का एक प्रेरणादायक किस्सा है। उनकी असाधारण प्रतिभा, समर्पण, और मेहनत ने उन्हें भारत में एक प्रसिद्ध नाम बना दिया है। जैसे-जैसे वह नए रिकॉर्ड बनाते हैं और खिताब जीतते हैं, प्रशंसक उत्सुकता से यह देखने की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि इस कबड्डी किंवदंती का भविष्य क्या है।